डब्ल्यूटीसी फाइनल: भारत की उम्मीदें अब दूसरों पर निर्भर

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में 10 विकेट से हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) की अंक तालिका में तीसरे स्थान पर पहुंच गई है। पर्थ में जीत के बाद भारत ने शीर्ष स्थान हासिल कर लिया था, लेकिन इस हार से उसकी स्थिति कमजोर हो गई। डब्ल्यूटीसी फाइनल: भारत की उम्मीदें अब दूसरों पर निर्भर

ऑस्ट्रेलिया अब 60.71 प्रतिशत (पीसीटी) के साथ शीर्ष पर है, दक्षिण अफ्रीका 59.26 पीसीटी पर दूसरे और भारत 57.29 पीसीटी के साथ तीसरे स्थान पर है। इस हार से भारत के फाइनल में पहुंचने की राह और मुश्किल हो गई है।

सीरीज की स्थिति: 1-1 की बराबरी

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज फिलहाल 1-1 से बराबरी पर है। एडिलेड टेस्ट में रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। भारतीय टीम पहली पारी में सिर्फ 180 रन पर सिमट गई, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने 337 रन बनाकर 157 रनों की मजबूत बढ़त हासिल की। दूसरी पारी में भारत 175 रन पर आउट हो गया, जिससे ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ 19 रन का लक्ष्य मिला, जिसे उसने बिना किसी नुकसान के हासिल कर लिया।

डब्ल्यूटीसी फाइनल की दौड़ में जटिल समीकरण

फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को न केवल खुद बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा, बल्कि अन्य टीमों के नतीजों पर भी निर्भर रहना पड़ेगा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज शुरू होने से पहले भारत के पास सीधे क्वालिफाई करने का मौका था, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज 0-3 से हारने के कारण उसे ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से हराने की जरूरत थी। अब स्थिति यह है कि भारत के लिए फाइनल की राह बेहद मुश्किल हो गई है।

क्या भारत फाइनल में पहुंच सकता है?

अगर भारत अगले तीन मैच जीतने में सफल रहता है, तो उसकी पीसीटी 64.05 तक पहुंच सकती है। वहीं, अगर वह दो मैच जीतकर एक ड्रॉ कराता है, तो पीसीटी 60.52 होगी। इन दोनों स्थितियों में भी भारत को दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, और पाकिस्तान के प्रदर्शन पर निर्भर रहना होगा।

हालांकि, अगर दक्षिण अफ्रीका आगामी मैचों में कमजोर प्रदर्शन करती है और भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बाकी तीन मैच जीत लेता है, तो फाइनल में पहुंचने की संभावना बनी रहेगी। भारत अब किसी भी हालत में आगे के मैच गंवाने का जोखिम नहीं उठा सकता।

निष्कर्ष:
फाइनल की दौड़ में बने रहने के लिए भारत को न केवल जीत की राह पर लौटना होगा, बल्कि दूसरी टीमों के नतीजों का भी इंतजार करना होगा। टीम के सामने चुनौती बड़ी है, लेकिन क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है, और कुछ भी संभव हो सकता है।

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